अमन के हम रखवाले सब एक हैं: इप्टा

अमन के हम रखवाले सब एक हैं एक हैं

हम जुल्म से लड़ने वाले सब एक है एक है

हम कोरिया में हम हैं हिंदुस्तान में

हम रूस में हैं चीन में जापान में

हम अफ्रीका में हम है पाकिस्तान में

हम दुनिया के हर सच्चे इंसान में

हम क्या गोरे क्या काले, सब एक हैं एक हैं

जुल्म से लड़नेवाले, सब एक हैं एक हैं

हम अजंता और ताज के फनकार हैं

हम पेरिस, व्हेनिस, रोम के शृंगार हैं

हम चलती-फिरती सडकों की रफ़्तार हैं

हम हँसते गाते कारखानों के गीत हैं

हम जीवन के उजियारे, सब एक हैं एक हैं

जुल्म से लड़नेवाले, सब एक हैं एक हैं

हम बच्चों की मुस्कान बेचते नहीं

माँओं  के अरमान बेचते नहीं

इस एटम और दौलत के बाजार में

हम इंसानों की जान बेचते नहीं

आजादी के रखवाले, सब एक हैं एक हैं

जुल्म से लड़नेवाले सब एक हैं एक हैं

इन बस्तियों को जगमगाना है सदा

इन खेतियों को लहलहाना है सदा

उठाओ साज गीत गाओ अमन के

कि जिंदगी के गीत गाने हैं सदा

हम मौत पे हँसने वाले सब एक हैं एक हैं

जुल्म से लड़नेवाले  सब एक हैं एक हैं 

– इप्टा

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